चौंकाने वाली खबर - चेतेश्वर पुजारा ने भी किया क्रिकेट से संन्यास का ऐलान, जानिए पूरा सफर
Cheteshwar Pujara retirement from cricket : भारतीय क्रिकेट का भरोसेमंद 'दीवार' अब मैदान से बाहर
भारती के मशहूर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने रविवार (24 अगस्त 2025) को सभी फॉर्मेट के क्रिकेट से संन्यास (Pujara retirement) का ऐलान कर दिया। 37 साल के पुजारा ने सोशल मीडिया पर भावुक होते हुए पोस्ट लिखते हुए कहा कि भारतीय जर्सी पहनना और अपने देश के लिए खेलना उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान था।
पुजारा ने लिखा –
"भारतीय जर्सी पहनना तथा राष्ट्रगान गाना का सम्मान करना और हर बार मैदान पर पूरी कोशिश करना – इसे छोटे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। लेकिन हर बार अच्छी चीज से अंत होता है और कृतज्ञता के साथ मैंने भारतीय क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का फैसला किया है।"
पुजारा के उपलब्धियां
पुजारा का शानदार करियर: 103 टेस्ट, 19 शतक और ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत
पुजारा ने 2010 में पहली बार टेस्ट डेब्यू किया और भारत के लिए अभी तक 103 टेस्ट और 5 वनडे खेले।
उन्होंने अपने टेस्ट में कुल 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक ही शामिल हैं।
उन्होंने अपने घरेलू मैदान पर 3839 रन बनाए और औसत 52.58 रहा।
अब तक उनकी सबसे बड़ी पारी 206* रही।
क्रिकेट के इतिहास में पुजारा के नाम total 21,301 रन, 66 शतक और 3 ट्रिपल सेंचुरी भी शामिल हैं।
पुजारा के यादगार पल:
2012 में पहला शतक न्यूज़ीलैंड के खिलाफ खेला गया हैदराबाद के स्टेडियम में ।
2013 जोहान्सबर्ग टेस्ट में : दूसरी पारी में 153 रन बनाकर 6 घंटे लगातार बल्लेबाजी की।
2015 कोलंबो में : ओपनिंग करते हुए 145 रन की जुझार के साथ पारी खेली।
2017 रांची टेस्ट बनाम ऑस्ट्रेलिया में: 672 मिनट की शानदार बल्लेबाजी करके 202 रन बनाए।
2018 इंग्लैंड में : साउथैम्पटन में मुश्किल पिच पर भी नाबाद 132 रन बनाए ।
2018-19 ऑस्ट्रेलिया सीरीज में : एडिलेड, मेलबर्न और सिडनी में भी शतक जड़े और भारत को ऐतिहासिक सीरीज में भी जीत दिलाई।
2021 गाबा टेस्ट: गेंदबाजों की बाउंसर झेलते हुए भी 56 रन बनाए और भारत को ऑस्ट्रेलिया में ऐतिहासिक जीत भी दिलाई।
पुजारा पर दिग्गजों की प्रतिक्रिया
बीसीसीआई ने लिखा: “ पुजारा आंधी में भी खड़े होकर भारतीय टीम को संभाला।”
गौतम गंभीर ने कहा: “जब भी उम्मीद टूट रही थी, तब पुजारा लड़े।”
वीवीएस लक्ष्मण ने कहा - गाबा टेस्ट में पुजारा के साहस और जुझारूपन को सलाम किया जाता ।
पुजारा – भारतीय क्रिकेट की नई ‘दीवार’
पुजारा को हमेशा भी राहुल द्रविड़ के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया। उन्होंने गेंदबाजों को थकाने, लंबे समय तक क्रीज पर बने रहे और टीम के लिए हालात पलटने का काम बहुत बार किया।
आज भी उनका नाम उन चुनिंदा बल्लेबाजों में शामिल है जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 3 ट्रिपल सेंचुरी भी लगाई हैं।
निष्कर्ष
चेतेश्वर पुजारा ने सिर्फ रन ही नहीं बनाए बल्कि भारतीय क्रिकेट में भरोसे और जुझारूपन की एक नई परिभाषा जोड़ी हैं । उनके संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट का एक सुनहरा अध्याय खत्म हो गया है, लेकिन उनकी पारी आने वाली पीढ़ियों को भी हमेशा प्रेरित करेगी।
