वंतारा पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती! विशेष जांच दल (SIT) करेगा सभी आरोपों की जांच, सामने आएंगे बड़े खुलासे?
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वंतारा (Vantara) पर उठे गंभीर आरोपों की जांच के लिए SIT का गठन किया है। पढ़ें पूरी खबर केवल Taji news पर।
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| Image Source - Google/ image by The Wire |
सुप्रीम कोर्ट ने बनाया SIT, वंतारा की शिकायतों की होगी जांच
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (25 अगस्त 2025) को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा की वंतारा (Vantara) से जुड़ी शिकायतों और आरोपों की जांच के लिए हम एक विशेष जांच दल (SIT) का गठित करते है। यह जांच दल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस जे और चेलमेश्वर की अध्यक्षता में काम करेगा और वंतारा से जुड़े हर पहलू पर स्वतंत्र पूर्वक जांच करेगा।
क्यों बैठाई गई SIT?
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मित्थल और जस्टिस पी.बी. वराले की बेंच ने दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इनमें अधिवक्ता जया सुकिन ने आरोप लगाया कि वंतारा में भारत और विदेश के सभी कई जानवरों का अवैध अधिग्रहण हुआ है। इसके अलावा जानवरों के साथ दुर्व्यवहार, वित्तीय गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग तक के आरोप लगाए गए हैं ।
हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि ये आरोप ज्यादातर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित हैं। ऐसे में निष्पक्ष जांच के लिए SIT बनाना बहुत ही ज़रूरी है। अदालत ने कहा, “हम मानते हैं कि न्याय के हित में एक स्वतंत्र तथ्यात्मक जांच दल (SIT) का गठन होना भी चाहिए।”
SIT में कौन-कौन शामिल होंगे?
जस्टिस चेलमेश्वर के साथ SIT में शामिल होंगे:
जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुख्य न्यायाधीश उत्तराखंड व तेलंगाना हाई कोर्ट
हेमंत नगराले, पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त (IPS)
अनिश गुप्ता, अतिरिक्त आयुक्त कस्टम्स (IRS)
SIT किन-किन बिंदुओं पर करेगी जांच?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि SIT को वंतारा (Vantara) से जुड़े कई सारे गंभीर मुद्दों की जांच करनी होगी, जिनमें निम्न शामिल हैं:
- भारत और विदेश के कई जानवरों (खासकर हाथियों) का अधिग्रहण
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और जू नियमों का पालन
- अंतरराष्ट्रीय समझौते (CITES) और आयात-निर्यात कानूनों का अनुपालन
- पशुपालन, वेटनरी देखभाल और जानवरों की भलाई के मानक स्तर
- जलवायु परिस्थितियों और औद्योगिक क्षेत्र के पास वंतारा की स्थिति पर शिकायतें
- निजी संग्रह, प्रजनन, संरक्षण कार्यक्रम और जैव विविधता संसाधनों का उपयोग
- पानी और कार्बन क्रेडिट्स का दुरुपयोग
- वन्यजीव तस्करी, अवैध व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोप
कब तक देनी होगी रिपोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया है कि SIT तुरंत जांच शुरू कर दे और 12 सितंबर 2025 तक रिपोर्ट जमा करे। इसके बाद 15 सितंबर को फिर से सुनवाई होगी।
अदालत ने यह भी साफ किया कि यह जांच केवल तथ्यात्मक है और इससे किसी भी वैधानिक संस्था या वंतारा की छवि पर सवाल नहीं उठता।
👉 यह मामला अब सुर्खियों में है क्योंकि supreme court examine vantara और SIT की रिपोर्ट से तय होगा कि आरोपों में कितनी सच्चाई है।
